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What is SIM Card & How Does it work? | Explanation in Hindi

What is SIM Card & How Does it work? | Explanation in Hindi

What is SIM Card & How Does it work?
          हमारे लाइफ में मोबाइल(Mobile) एक मोस्ट इंपॉर्टेंट चीज है। प्रेजेंट सिचुएशन में हम इसके बिना एक पल भी नहीं रह सकते। लेकिन यहां पर मोबाइल में एक ऐसी इंपॉर्टेंट चीज है। उसके बिना मोबाइल अधूरा है। आप जरूर समझ गए होंगे कि वह कौन सी चीज है। हम बात कर रहे हैं सिम कार्ड(SIM Card) के बारे में। सिम कार्ड(SIM card) की वजह से हम कई किलोमीटर दूर रहने वाले इंसान से भी आसानी से कम्युनिकेट कर सकें। इसलिए हम सिम कार्ड(SIM Card) के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी रखना बहुत ही आवश्यक है।चलिए फिर टाइम वेस्ट नहीं करते हैं। जानते हैं कि सिम कार्ड कैसे काम करता है( How Does a SIM card work) । उसकी हिस्ट्री क्या है(History of SIM Card) । ऐसे थोड़ी बहुत जानकारी हम सिम कार्ड के बारे में इस आर्टिकल में जाने वाले हैं।


सिम कार्ड क्या है (What is SIM card?):

     सिम कार्ड का फुल फॉर्म है सब्सक्राइबर आईडेंटिटी माड्यूल( Subscriber identity module) या सब्सक्राइबर आईडेंटिफिकेशन माड्यूल( Subscriber identification module ) इन दोनों में से किसी भी नाम से पुकारा जाता है। यह हमें इसे सिंप्लीज सिम कार्ड ( SIM card )कहते हैं। हम हमारे लाइफ में इस्तेमाल करने वाले हर एक मोबाइल जीएसएम(GSM) के नीचे आता है। यानी जीएसएम(GSM) का फुल फॉर्म होता है। ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन(Global system for mobile communication) ए सारे जीएसएम मोबाइल में सिम कार्ड इस्तेमाल किया जाता है। यहां पर हर सिम कार्ड को एक 15 डिजिट का आईएमएसआई(IMSI) नंबर दिया जाता है।आईएमएसआई (IMSI) का फुल फॉर्म है। इंटरनेशनल मोबाइल सब्सक्राइबर आईडेंटिटी (International mobile subscriber identity), जैसे हर स्टूडेंट का हॉल टिकट नंबर डिफरेंट होता है, वैसे ही यह डिफरेंट होता है।
How  does a SIM card work

हिस्ट्री ऑफ सिम कार्ड (History of SIM card?):

          जर्मनी के गेसिक एंड डेयर (Giesecke & Devrient) एंड कंपनी ने 1991 में फर्स्ट सिम कार्ड को बनाया है। जैसे इन्होंने सिम कार्ड बनाया है वैसे ही 1992 में नोकिया 1101( Nokia 1101) मोबाइल के साथ पहला सिम कार्ड को इन्होंने मार्केट में लांच किया है। पूरे वर्ल्ड में आईसीएमए (ICMA) के रिसर्च के अनुसार 2020 तक 20 बीलियन से भी ज्यादा सिम कार्ड्स मैन्युफैक्चर किए जाएंगे। जोमाटो (Gemalto) एक ऐसा कंपनी है। पूरे वर्ल्ड में सबसे ज्यादा सिम कार्ड (SIM Card) को मैन्युफैक्चरर करता है।

सिम कार्ड के प्रकार (Types of sim card?):

      जब 1991 में पहला सिम कार्ड आया था वह सिम कार्ड आज के क्रेडिट कार्ड के साइज के बराबर होता था। इस सिम कार्ड को स्टैंडर्ड सीएम (Standard SIM 1FF) इसके बाद टेक्नोलॉजी में बहुत सारे चेंज होते रहे। मोबाइल के साइस थोड़े थोड़े कम होते रहे मोबाइल के साइज के हिसाब से सिम कार्ड का साइज भी कम करना पड़ता था।
इसके बाद 1996 में मिनी सिम (Mini SIM card 2FF) को इंट्रोड्यूस किया गया है। इसके बाद 2003 में माइक्रो सिम (Micro SIM card 3FF) को इंटरव्यूज किया गया है। इसके बाद हम लोग इस्तेमाल करने वाले नैनो सिम (Nani SIM card 4FF) को 2012 में इंटरव्यूज किया गया है। 

सिम कार्ड कैसे काम करता है (How does SIM card work?) :

        आप सिम कार्ड को देखे हो तो आपको जरूर पता होगा। यह सिम कार्ड बेसिकली एक छोटा सा प्लास्टिक का टुकड़ा है। इस प्लास्टिक के टुकड़ी के साथ ही एक छोटा सा चिप रहेगा। यानी इसे कहते हैं माइक्रोकंट्रोलर ( Microcontroller) यह एक सिलिकॉन से बना हुआ होगा। इस छोटे से चिप के अंदर प्रोसेसर मेमोरी और सिक्योरिटी सर्किट से रहेंगे। जैसे सिम कार्ड को मोबाइल में इंसर्ट करते ही मोबाइल और सिम कार्ड से डाटा खो लेगा या उस सिम कार्ड को रीड कर लेगा। 
     सिम कार्ड्स में दो नंबर रहेगें आईएमएसआई (
IMSI) और ऑथेंटिकेशन कि (Authentication kye) इन 2 नंबर्स को मोबाइल लेकर ऑपरेटर के पास सेंड कर देगा। नेटवर्क ऑपरेटर की डेटाबेस में इस सिम कार्ड का आई एम एस आई और ऑथेंटिकेशन की नंबर ऑलरेडी पहले से ही एक कॉपी रहेगा। नेटवर्क ऑपरेटर यह दो नंबर को डेटाबेस में उसका कॉपी है या नहीं, चेक करेगा होगा तो डेटाबेस एक क्लेशन(Calculation) करेगा कि यह दो नंबर यूज़ करके दो नाए नंबर जनरेट करेगा। नेटवर्क ऑपरेटर दो नंबर में से एक नंबर उसके पास रखता है और एक नंबर मोबाइल के पास भेज देता है। मोबाइल सिम कार्ड के पास भेजता है। सिम कार्ड उस नंबर को यूज करके आई एम एस आई औरत इंडिकेशन की को इस्तेमाल करके कैलकुलेशन करता है। कैलकुलेशन करके के एक नया नंबर जनरेट करता है इसके बाद मोबाइल इस नंबर को नेटवर्क ऑपरेटर के बाद भेजता है। नेटवर्क ऑपरेटर के पास पहले से ही एक नंबर होगा। उस नंबर से कमप्यार Compare करता है कि यह दो नंबर सेम है या नहीं। सेम होगा तो नेटवर्क एक्सेस ( Network access) करने के लिए परमिशन दे देता है। इस तरह सिम कार्ड काम करता है और उस नेटवर्क से कनेक्ट होता है।
how does a sim card work hindi

   जैसे हर डिवाइस में स्टोरेज होता है, वैसे ही सिम कार्ड में भी थोड़ा बहुत स्टोरेज होता है। इसमें 64KB का स्टोरेज होता है। इसमें 250 कांटेक्ट को सेव कर सकते हैं और 54 मैसेजेस को आप सेव कर सकते हो। 
धन्यवाद🙏💕

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